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भारत, क्षेत्रीय विविधता के नज़रिये से। India is not 28 States, but 85 Regions ft. Poornima Dore

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Sinopsis

भारत में आर्थिक विश्लेषण अक्सर राज्य-केंद्रित होता है। हालाँकि, राज्यों के भीतर भी काफ़ी आर्थिक भिन्नताएँ हैं। भारत को क्षेत्रीय विविधता के नज़रिए से देखना शायद ज़्यादा सटीक होगा- 85 क्षेत्रों का देश, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अर्थव्यवस्था, भौगोलिक पहचान, संसाधन और कुशलता हैं। इस नज़रिए से भारत कैसा दिखता है? क्षेत्रीय स्तर पर विश्लेषण से हम भारत के बारे में क्या सीख सकते हैं? इस विषय पर विस्तार से  चर्चा के लिए पुलिया पर जुड़ती है अर्थशात्री और लेखिका डॉ. पूर्णिमा डोरे।Economic analysis in India is often state-centric. However, there is quite some economic divergence even within states. It’s probably more accurate to look at India through the lens of its regional diversity-a country of 85 regions, each with their own economy, geographic identity, resources and skill sets. What can we learn about India when we adopt this lens? To discuss this, we talk to Dr. Poornima Dore, an economist and author of ‘Regional Economic Diversity’. We discuss:* Why focus on regional diversity?* Are regions political entities too