Puliyabaazi

स्वतंत्र भारत में मतदान की कहानियाँ. How India Conducts Elections.

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Sinopsis

2019 के लोकसभा चुनाव नज़दीक आ रहे है | अगले कुछ महीनों में हर नुक्कड़-गली में “कौन बनेगा प्रधानमंत्री” इसी विषय पर वाद-विवाद होगा | तो पुलियाबाज़ी में हमने इस प्रश्न से हटकर मतदान प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया | इस पुलियाबाज़ी में हमारे गेस्ट है श्री अलोक शुक्ला जो २००९ और २०१४ के बीच भारत के डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर रह चुके हैं | उनकी नयी किताब Electronic Voting Machines: The True Story इवीएम पर लग रही आलोचनाओं का मुँहतोड़ जवाब देती है | इस पुलियाबाज़ी में हमने उनके सामने यह सवाल रखे: संसद चुनाव के लिए प्रक्रिया कब और कैसे शुरू होती है ? चुनाव आयोग एक स्वतन्त्र संवैधानिक संस्था है - इस संरचना का ECI अफसरों पर आपके मुताबिक क्या फ़र्क पड़ता है? क्या सब पार्टियाँ चुनाव आयोग के पास चुगली करने आती रहती है? EVM के आने से पहले क्या तकलीफें होती थी चुनाव करवाने में ? EVM का आईडिया कब पहले आया? क्या क्या विरोध रहे है EVM के ख़िलाफ़? EVM और राजनैतिक दलों का रिश्ता कैसा रहा है? EVM की छवि सुधारने के लिए ECI को क्या करना चाहिए? In the 1971 General Elections, it was alleged that ballot papers were tampered using vanishing and