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समाज, सरकार, और बाज़ार की जुगलबंदी। Society, States, and Markets ft. Rohini Nilekani

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Sinopsis

हम अक़्सर कहते है कि समाज, सरकार, और बाज़ार के बीच तालमेल बढ़ाने की ज़रूरत है। इस संतुलन को कैसे समझा जाए? समाज को किस तरह से बदलाव का भागीदार बनाया जाए? आप और हम क्या भूमिका अदा कर सकते हैं? इन्हीं कुछ सवालों पर चर्चा लेखिका और philanthropist रोहिणी निलेकणी के साथ। उनकी नई किताब Samaaj, Sarkaar, Bazaar - A Citizen-First Approach इस विषय पर गहन चिंतन करती है। आप ये किताब क्रीएटिव कॉमन्स लाइसेन्स के तहत मुफ़्त में इस वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।Links:Website for the Book 'Samaaj, Sarkaar, Bazaar'Rohini Nilekani PhilanthropiesRohini Nilekani's 2011 book Uncommon Ground: Dialogues with Business and Social LeadersRaghuram Rajan's book The Third Pillar: How Markets and the State Leave the Community BehindRobert Putnam's Bowling Alone: The Collapse and Revival of American CommunityPranay's essay A Case for SocietismPranay's Manthan talk on Indian Society as a ChangemakerPuliyabaazi is on these platforms:Twitter: https://twitter.com/puliyabaaziInstagram: https://www.instagram.com/puliyabaazi/Subscribe & listen to th